नई दिल्ली : केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदलकर अब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कर दिया गया है. यह घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल संसद में बजट पेश करने के दौरान की.
इस बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि देश में कई अप्रत्यक्ष करों की जगह पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू हो जाने के कारण अब केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) का नाम बदलकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) कर दिया गया है.वित्त मंत्री ने यह जानकारी भी दी कि नाम परिवर्तन के लिए कानून में जरुरी प्रावधान और संशोधनों का वित्त विधेयक में प्रस्ताव किया गया है.
आपको जानकारी दे दें कि केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का एक अहम हिस्सा है. इस विभाग के पास लेवी, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क की वसूली से जुडी नीतियां बनाने जिम्मेदारी है. इसके अलावा सीबीईसी के पास तस्करी की रोकथाम और सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नारकोटिक्स से संबंधित मामलों को देखने की भी जिम्मेदारी है.
जहाँ तक बोर्ड के गठन की बात है तो यह बोर्ड केंद्रीय उत्पाद शुल्क और केंद्रीय राजस्व नियंत्रण से संबंधित अधीनस्थ संगठनों का संयुक्त प्रशासनिक प्राधिकरण है.जिसके अध्यक्ष पद पर भारत सरकार के पदेन विशेष सचिव को नियुक्त किया जाता है. इस बोर्ड में भारत सरकार के पदेन अपर सचिव पांच सदस्य के रूप में शामिल किये जाते हैं. नाम परिवर्तन के बाद अब इसे केंद्रीय उत्पाद एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी) के नाम से जाना जाएगा.
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