नई दिल्ली. बैंकिंग घोटाले के आरोपी और भगोड़े मेहुल चोकसी को एंटीगुआ की नागरिकता मिलने के बाद से ही इस मामले में राजनीतिक बहस शुरू हो गयी है। इस मामले ने ज्यादा तूल तब पकड़ा, जब एंटीगुआ सरकार ने बयान दिया कि भारत सरकार ने भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को क्लीन चिट दे दी थी उसके बाद ही उसे नागरिकता दी गई है। एंटीगुआ सरकार के इस बयान के बाद राहुल गाँधी सहित कई कई विपक्षी पार्टी के नेताओं ने मोदी सरकार पर सवाल उठायें थे कि भगोड़ा घोषित किये जा चुके मेहुल चौकसी को आखिर क्लीनचिट कैसे दे दी गई?
लेकिन अब इस मामले में CBI की तरफ से एक खबर आई है। सीबीआई का कहना है कि मेहुल चौकसी को भारत से कोई क्लीनचिट नहीं दी गई है। सूत्रों के अनुसार आज विदेश मंत्रालय को सीबीआई की ओर से प्रत्यपर्ण का अनुरोध मिला है। सीबीआई ने विदेश मंत्रालय ने अनुरोध किया है कि वो मेहुल चौकसी को एंटीगुआ और बारबूडा से प्रत्यर्पण में मदद करें। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो इस प्रत्यपर्ण अनुरोध को वहां के आधिकारियों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
आपको बता दें कि 13,400 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का खुलासा होने पर सीबीआई और ईडी ने मेहुल चौकसी और नीरव मोदी के खिलाफ जांच शुरू की थी। इंटरपोल ने जून में नीरव के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जबकि मेहुल के मामले में अपील पेंडिंग है। इसके अलावा सीबीआई चौकसी के खिलाफ दो मामलों में चार्जशीट दायर कर चुकी है। इसके अलावा मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है।
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