जिस प्रकार हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक सौन्दर्यता के लिए जाना जाता है, उसी प्रकार यहां के प्रसिद्ध मंदिर भी हिमाचल प्रदेश की पहचान है. यहां स्थित बहुत से प्राचीन मंदिर हिमाचल प्रदेश को एक अलग ही पहचान प्रदान करते है. यहाँ स्थित मंदिरों में एक मंदिर काली का टिब्बा है, जो प्राकृतिक सौंदर्य के मध्य स्थित है. आइये जानते है इस मंदिर की और विशेषता क्या है?
प्राकृतिक सौंदर्य व मनोरम दृश्यों के बीच बने इस मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से 2226 मीटर है यहाँ का शांत सुन्दर वातावरण व्यक्ति को अलौकिक अनुभूति प्रदान करता है. यह मंदिर व्यक्ति की आस्था के साथ ही एक मुख्य पर्यटन स्थल भी है. इस मंदिर तक पहुँचने के लिए सड़क मार्ग का उपयोग किया जाता है, जहाँ छोटी गाड़ियाँ आसानी से उपलब्ध हो जाती है.
यदि भक्त चाहें तो पैदल भी इस मंदिर तक पहुँच सकते है. सूर्यास्त के समय इस मंदिर का नजारा व शिवालिक पहाड़ियां व्यक्ति के मन को मोह लेती है. यहाँ जाने पर आपको पांच मंदिर मिलेंगे जिसमे काली माता मंदिर मुख्य है, जिसका निर्माण सन 2002 में किया गया था. मंदिर के निर्माण के पूर्व यहाँ माता पिंडी के रूप में विराजमान थी. इसके अलावा यहाँ पंचमुखी हनुमान मंदिर, गणेश मंदिर, शिव मंदिर भी स्थित है.
यहाँ महाराजा भूपिंदर के द्वारा एक महल का निर्माण करवाया गया था, जिसे चायल महल के नाम से जाना जाता है, जो लगभग 115 वर्ष पुराना है. इसके साथ ही चाहें तो आप यहाँ के अभ्यारण में कई प्रकार के जंगली जीवों को भी देखने जा सकते है.
इस जगह स्थित है अर्धनारीश्वर भगवान गणेश का मंदिर
तो इसलिए भगवान जगन्नाथ की मूर्ति की हथेली नहीं है