नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेनदेन के मामले बढ़े
नोटबंदी के बाद संदिग्ध लेनदेन के मामले बढ़े
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नई दिल्ली : विपक्ष और देश के व्यापारी भले ही नोटबंदी की आलोचना करें लेकिन इसमें कोई दो मत नहीं कि मोदी सरकार के नोटबंदी जैसे नीतिगत उपायों से संदिग्ध लेनदेन के मामलों में वृद्धि हुई है. यह बात वैश्विक बाजार की खुफिया अनुसंधान व परामर्शदात्री कंपनी बीआईएस रिसर्च ने सोमवार को बताई.

बता दें कि बीआईएस रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक धनशोधन रोधी (एएमएल) सॉफ्टवेयर मार्केट-एनालाइसिस एंड फोरकास्ट (2017-2023) में बताया कि नोटबंदी और कर अधिकारियों की निगरानी बढ़ने से संदिग्ध लेन देन के मामलों में जबरदस्त वृद्धि हुई है.भारत में भारी पैमाने पर संदेहास्पद लेन-देन में वृद्धि होने के संकेत के साथ ही इसमें 2016-17 में चार गुना इजाफा होने की खबर है.इस दृष्टि से कहा जा सकता है कि मोदी सरकार ने सही कदम उठाया,अन्यथा यह सिलसिला चलता ही रहता और देश को कोई कर नहीं मिलता.

उल्लेखनीय है कि संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट्स (एसटीआर) के अनुसार 2011 के बीस हजार से बढ़कर 2016 में एक लाख और 2017 में करीब पांच लाख पहुंच गई हैं.रिसर्च कंपनी के अनुसार वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर 10,46,283 होने का अनुमान है.जबकि अध्ययन में कहा जा रहा है कि 2023 तक इस का आकार बढ़कर 1.4 अरब डॉलर हो जाएगा.

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