आर्थिक संकट से जूझ रहे वेनेजुएला के इन हालातों को और भी करीब से जानिए, साथ ही बर्बादियों के मुख्य कारणों पर भी एक नज़र-
लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं
सरकार ने लोगों को काम के ऐवज में अंडे और कुछ पैसे देने तक के काम शुरू किये है.
लाखों रुपयों में महज एक किलो मीट आ रहा है और दूध की बोतल 80 हजार रुपए लीटर बिक रहा है.
आर्थिक संकट को लेकर वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो अमेरिका पर आरोप लगा रहे हैं.
निकोलस मादुरो से पहले यहां की सत्ता ह्यूगो चावेज के हाथों में थी.
1998 से लेकर 2013 तक देश की हालत अच्छी थी, लेकिन 2013 में चावेज की कैंसर से मौत हो गई.
उन्होंने देश की सत्ता अपने खासमखास मादुरो को सौंप दी .
पहले मादुरा बस ड्राइवर थे और उनकी यूनियन के नेता भी थे.
वह देश के विदेश मंत्री भी बने.
वह खुलेआम खुद को चावेज का 'बेटा' और 'शिष्य' कहते रहे हैं.
अर्थव्यवस्था तेल पर टिकी है.
लैटिन अमेरिकी देशों में तेल की कीमत गिरने का सबसे ज्यादा नुकसान वेनेजुएला को उठाना पड़ा.
मादुरो ने इससे उपजे संकट से निकलने के जो उपाय किये, वे और भी घातक सिद्ध हुए. फ़िलहाल लोगों का पलायन जारी है और देश के हालात बद से बत्तर हो रहे है.
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