नई दिल्ली: भारत के कर्नाटक राज्य स्थित मैसूर के सुल्तान फतेह अली खान यानि 'टीपू सुल्तान' की मृत्यु के 200 साल बाद अब भारतीय प्रशासन को उनकी तलवार और भारतीय विरासत दुनिया के सबसे बेशकीमती हीरे कोह-ए-नूर की याद आई है. केंद्रीय सूचना आयोग ने इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और संस्कृति मंत्रालय से जवाब माँगा है, आयोग ने जवाब देने के लिए पीएमओ और संस्कृति कार्यालय को 1 महीने का समय दिया है.
शराब पी तो आपकी गाड़ी ही करेगी पुलिस से शिकायत
बीकेएसआर अयंगार ने केन्द्रीय सूचना आयोग से अपील की थी कि जिसमें भारत सरकार से कोह-ए-नूर हीरा, सुल्तानगंज के बुद्ध, नासाक हीरा, टीपू सुल्तान की तलवार और अंगूठी, महाराजा रणजीत सिंह का स्वर्ण सिंहासन, शाहजहां के शाही मदिरा गिलास, अमरावती रेलिंग और बुद्धापेड, सरस्वती देवी की संगमरमर की प्रतिमा और टीपू सुल्तान के मैकेनिकल बाघ को भारत वापिस लाने के लिए उठाए गए क़दमों की जानकारी मांगी थी, यही सवाल सूचना आयोग ने पीएमओ और संस्कृति मंत्रालय के माथे डाल दिया है.
राफेल डील : अम्बानी ने ठोका 5000 करोड़ का मानहानि मुक़दमा
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने आरटीआई को पुरातनता और कला अधिनियम, 1972 का हवाला देते हुए कहा है कि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग उन्ही वस्तुओं को वापिस लाने के लिए पहल कर सकता है, जिन्हे अवैध रूप से भारत से बाहर भेजा गया हो. केंद्रीय सूचना आयोग ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि पीएमओ और संस्कृति मंत्रालय ने इस बात का जवाब देने के बजाए आरटीआई को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास क्यों भेज दिया. आयोग ने पीएमओ और संस्कृति मंत्रालय को इस मामले में जल्द जवाब देने के निर्देश दिए हैं.
खबरें और भी:-
जन्म दिन विशेष : मेजर ध्यानचंद को कभी हिटलर ने किया था जर्मनी नागरिकता का ऑफर
महिलाओं के खतना के खिलाफ दायर की हुई याचिका पर आज होगी सुनवाई
लड़कियों के लिए मानसिक और भावनात्मक घाव है खतना : सुप्रीम कोर्ट