नई दिल्ली : गुजरात भाजपा में सीएम और डिप्टी सीएम जैसे दो शीर्ष नेताओं के बीच की दरारें कम होने का नाम नहीं ले रही है.उपमुख्यमंत्री मंत्री नितिन पटेल ने वित्त मंत्रालय के लिए जो बगावती सुर दिखाए थे उसके बाद वे एक बार फिर तब नाराज नजर आए जब उनके लिए प्रेस कॉफ्रेंस में मुख्यमंत्री से छोटी कुर्सी रखी गई तो वे भड़क गये.
बता दें कि शपथ लेने के बाद विजय रुपाणी की पहली प्रेस कांफ्रेंस में नितिन पटेल की कुर्सी मुख्यमंत्री की कुर्सी से छोटी थी, जिस पर नितिन पटेल ने आपत्ति जताई. इसके बाद मुख्यमंत्री के स्टाफ ने नितिन पटेल की कुर्सी की उंचाई बढ़ाने को कहा. इस कुर्सी के कारण विजय रूपाणी और नितिन पटेल के बीच तनातनी की झलक साफ़ दिखाई दी.
यहाँ यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि इन दिनों गुजरात भाजपा में दो गुट बन गए हैं, जिसमे से एक गुट में अमित शाह और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी हैं तो दूसरे गुट में नितिन पटेल हैं जिनके साथ पटेल समुदाय के लोग हैं.पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल भी नितिन पटेल के गुट में हैं. इस गुटबाजी के चलते ही इस बार रुपाणी ने नितिन पटेल को वित्त मंत्रालय नहीं दिया था.जब नितिन पटेल ने अपनी नाराजगी लोगों के बीच खुलकर दिखाई, तो अमित शाह भी सकते में आ गए, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि नितिन पटेल इसका विरोध नहीं करेंगे, लेकिन शाह की उम्मीदों पर पानी फिर गया और उन्हें वित्त मंत्रालय देना पड़ा. भविष्य में नितिन पटेल की ओर से ऐसी नाराजी और भी देखने से इंकार नहीं किया जा सकता.
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