मुंबई : बैंकों के नित नए उजागर हो रहे घोटालों के बीच आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद करने का आरोप लगाए जाने का मामला सामने आया है. अंग्रेजी अखबार की ख़बर के अनुसार 2008 में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए 3,250 करोड़ रुपए के ऋण मामले को उठाया गया. लेकिन बैंक बोर्ड ने सीईओ चंदा कोचर को क्लीन चिट दे दी.
मिली जानकारी के अनुसार 2008 के दिसंबर में वीडियोकॉन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों ने एक कम्पनी बनाई .इसी कंपनी को छह माह बाद आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए का लोन दिया.लेकिन इस कम्पनी को बाद में बेच दिया गया और लोन का 86 प्रतिशत 2017 में एनपीए घोषित कर दिया. एनपीए की इस राशि 2,810 करोड़ को जमा नहीं किया गया.
बता दें कि इस पूरे मामले पर बैंक के द्वारा जारी बयान कहा गया कि बोर्ड को बैंक के एमडी और सीईओ चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है. तथ्यों को देखने के बाद बोर्ड ने भाई-भतीजावाद,हितों के टकराव और भ्रष्टाचार को अफवाहें बताते हुए कहा कि उनमें कोई सच्चाई नहीं है. बोर्ड के इस निर्णय से चंदा कोचर को निश्चित ही राहत मिली . लेकिन चंदा कोचर को नीरव मोदी मामले में भी जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए समन जरूर जारी किया था.
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