जन्म कुंडली में कोई ग्रह बलवान होकर संबंधित जातक को श्रेष्ठ फल देता है तो किसी को कोई ग्रह परेशान भी करता है तो वहीं नवग्रहों की अनिष्टता से भी संबंधित व्यक्ति को परेशानी घेरे रहती है। ज्योतिष शास्त्र में अनेक उपाय बताये गये है जो ग्रहों की शांति के लिये महत्वपूर्ण होते है। यहां उस मंत्र की बात हो रही है जिसके जाप से नवग्रहों की शांति हो सकती है।
ब्रह्मा मुरारि त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि सुतो बुधश्च
गुरश्च शुक्र शनि राहू केतवः सर्वे ग्रहा शांतिकरा भवन्तु।
नोट- इस मंत्र का जाप पूरी आस्था और विश्वास के साथ करने की जरूरत है। मंत्र जाप के अलावा माता पिता की सेवा कर्तव्य समझ कर करें तो भी नवग्रहों की शांति हो जाती है। इसलिये माॅं बाप की सेवा कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म समझकर की जाना चाहिये।