दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के बाद अब ऐसे ही मामले में छत्तीसगढ़ के 11 संसदीय सचिवों की धड़कनें बढ़ गई है , क्योंकि हाई कोर्ट बिलासपुर में अंतिम सुनवाई होनी है.संभावना है कि आज ही इस मामले में निर्णय भी सुनाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीट वाले छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल भाजपा के पास 49 विधायक हैं. इनमें से 11 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है.यदि दिल्ली वाली स्थिति छत्तीसगढ़ में भी दोहराई गई तो यहां सरकार पर संवैधानिक संकट आ जाने की आशंका जताई जा रही है .
आपको बता दें कि इस विषय को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मो. अकबर ने हाई कोर्ट बिलासपुर में याचिका दाखिल की थी. कांग्रेस के आरोप अनुसार सरकार ने केवल इन्हीं 11 विधायकों को ही संसदीय सचिव बनाकर मलाईदार पद नहीं दिया बल्कि इनके अलावा भी आधा दर्जन विधायकों को निगम-मंडलों का प्रमुख बनाया गया है. विपक्ष को इन्हे लेकर भी आपत्ति है. स्मरण रहे कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी के २० विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया था. जिसके खिलाफ पार्टी ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी , लेकिन उसके पहले ही चुनाव आयोग की सिफारिश को राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया था
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