बीजिंग: चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर पर रूसी निर्मित एसयू-35 लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया है, ताकि इस क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता और क्षेत्र में उड़ान भरने पर अमेरिकी हवाई और नौसैनिक गश्ती को चुनौती दी जा सके. दक्षिण चीन सागर एक विवादित इलाका है जिस पर अमरीका अपने समुद्री जहाजों से निगरानी करता है. अमेरिका के इसी फैलाव को रोकने के लिए चीन ने यह विमान तैनात किये हैं .
हालांकि चीन का कहना है कि उसने यह विमान दक्षिण चीन सागर में हुए एक संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए भेजे थे, लेकिन इस सवाल पर चीन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, कि यह युद्धाभ्यास कब हुआ था. गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर में जहाजों और हवाई विमानों के आवागमन में कोई रुकावट न आये, इसलिए अमेरिका यहाँ निगरानी करता है. वहीं दूसरी ओर चीन हमेशा से इस क्षेत्र को अपना बताता रहा है, जबकि इस पर फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दावा करते हैं.
चीन द्वारा पहली बार इस बात को स्वीकारा गया है कि उसने विमान तैनात किया हैं, आज तक वो साफ़ मुकरता रहा है. यह सुखोई विमान चीन ने रूस से ख़रीदे थे जिन्हे 2016 में सेना में शामिल किया गया था. आपको बता दें कि, चीन समय-समय पर अभ्यास के नाम पर अपने विमान को दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में घुमाता रहता है. हालांकि अभी तक अमरीका ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया है लेकिन चीन के इस कदम से दोनों देशों में तनाव बढ़ने के आसार दिखाई दे रहे हैं.
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