दिल्ली: दुनिया में सबसे अधिक साइकिलों का निर्माण करने वाले चीन के पब्लिक बाइक शेयरिंग कांसेप्ट को लेकर भारतीय साइकिल उद्योग में हड़कंप मच गया है. भारतीय उद्योग इस व्यवस्था को घातक बता रहा है. साइकिल इंडस्ट्री के प्रमुख संगठनों और देश के प्रमुख साइकिल निर्माताओं की सोमवार को हुई बैठक में इस मसले पर चर्चा की गई. उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि जिस तरह से चीन की ओर से लगातार घुसपैठ बनाई जा रही है, इससे आने वाले दस सालों में लुधियाना से साइकिल इंडस्ट्री का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया का नारा तो दिया जा रहा है, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है. चीन की ओर से पीबीएस के जरिए साइकिलों का स्टॉक भारतीय बाजार में खपाया जा रहा है. देश में भले ही साइकिल पर 30 फीसद की एंटी डंपिंग ड्यूटी लागू है, लेकिन चीन में उत्पाद और स्टॉक ज्यादा होने के कारण यह ड्यूटी भी सप्लाई को रोक नहीं पा रही है.
जानकारों ने कहा कि पीबीएस सिस्टम तो लाया जाए लेकिन इसमें भारतीय साइकिलों का ही इस्तेमाल किया जाए. चीन में पीबीएस कांसेप्ट से ट्रैफिक समस्या पैदा हो रही है, इस वजह से वहां इसे नियंत्रित किया जा रहा है. ऐसे में चीन की कंपनियां भारत की ओर रुख कर रही हैं.
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