बीजिंग: चीन ने एक मिसाइल के नए संस्करण का परीक्षण किया है जो कि एक बार में 10 न्यूक्लियर वारहेड्स तक ढोने में सक्षम है। यह चीन की परमाणु क्षमता में खासा इजाफा होने का संकेत है। इसे अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के समक्ष चीन की संभावित सैन्य क्षमता के प्रदर्शन की तैयारी के तौर पर देखा जा सकता है।
वॉशिंगटन फ्री बीकन की खबर के मुताबिक मिसाइल डीएफ-5सी का दस मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीन्ट्री व्हिकल्स या एमआईआरवी के साथ उड़ान परीक्षण पिछले महीने किया गया।
हाल ही में ट्रम्प यूएस प्रेसिडेंट बने हैं। कैम्पेन के दौरान से ही वे चीन को लेकर तल्ख रवैया दिखाते रहे हैं। साउथ चाइना सी को लेकर भी अमेरिका कह चुका है कि उसपर किसी एक देश का हक नहीं हैं।
वहां अंतरराष्ट्रीय हितों की रक्षा की जाएगी। इस पर चीन ने कहा था कि पूरे साउथ चाइना सी विवाद में यूएस का तो लेना-देना ही नहीं है। उसे मामले से दूर रहना चाहिए।
वहीं चीन के मिलिट्री एक्सपर्ट के मुताबिक, टेस्ट का मकसद ट्रम्प को ताकत दिखाना नहीं है। टेस्ट के लिए सेंट्रल मिलिट्री कमीशन मंजूरी दे चुका था। अभी इसे एक साल मिलिट्री अप्रूवल लेने और बाकी तैयारियों में लगेगा।
दो अधिकारियों ने बताया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इन निष्क्रिय मुखास्त्रों के परीक्षण पर कड़ी नजर रखी। दस नकली मुखास्त्रों से लैस डांगफेंग-5सी मिसाइल को शांक्सी प्रांत में तैयुआन स्पेस लांच सेंटर से लांच किया गया जो पश्चिम चीन में रेगिस्तान में जाकर गिरी।
यह मिसाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल डीएफ-5 का ही नया संस्करण है जो 1980 के दशक की शुरूआत में सेवा में आई थी। रिपोर्ट में पेंटागन के प्रवक्ता कमांडर गेरी रॉस के हवाले से कहा गया, रक्षा मंत्रालय चीन की सैन्य गतिविधियों पर नियमित तौर पर नजर रख रहा।
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