देश के स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख नेता बालगंगाधर तिलक को लेकर राजस्थान में आठवीं की किताब में एक विवादित खुलासा हुआ है जो 8 साल बाद अब जाकर सामने आया है, पाठ्यक्रम की संदर्भ पुस्तक में 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा' का नारा देने वाले बल गंगाधर तिलक को आतंक का जनक कहकर पढ़ाया जा रहा है.
बता दें, बालगंगाधर तिलक कांग्रेस के गरम दल के नेता थे जिन्होंने स्वाधीनता के लिए अपने आंदोलन में लोगों को जागरूक किया था साथ ही देश के लिए अपनी लड़ाई लड़ थी, ऐसे में सोशल मीडिया पर आठवीं की किताब के पेज नंबर 267 पर 18-19 वीं शताब्दी के राष्ट्रीय आंदोलन की घटनाएं शीर्षक से जुड़े चैप्टर में लिखा गया है कि बालगंगाधर तिलक ने राष्ट्रीय आंदोलन में उग्रता के रास्ते को अपनाया था. यही वजह है कि उन्हें 'आतंक का जन्मदाता' कहा जाता है.
हालाँकि इस मामले में ऐसा नहीं है कि राज्य की बीजेपी सरकार जिम्मेदार है, बल्कि यह किताब पिछले आठ सालों से बच्चों को पढ़ाई जा रही है इसमें न कांग्रेस ने सुधार किया न बीजेपी ने ऐसे में अब जाकर जब मामला सबके सामने आया तो लोग जमकर सरकार की आलोचना कर रहे है, इस बीच मामले में राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने बयान देते हुए कहा कि यह केवल संदर्भ पुस्तिका है और इसका मौजूदा आंतक से कोई संबध नहीं है. हालाँकि इस तरह की यह घंटा पहली बार नहीं है मौजूदा सरकार पर इतिहास से छेड़छाड़ करने के कई आरोप लगे हुए है.
सचिन वालिया मर्डर की जांच को घुमाती पुलिस अब कटघरे में
ठिकाने लगाने के लिए यूपी पुलिस ने मंगाई टॉप 10 शार्प शूटर्स की लिस्ट