पुणे: खेल की गहरी समझ और शानदार रणनीति के दम पर दुनिया के 89वें नंबर के टेनिस खिलाड़ी सिमोन आज चर्चा का विषय बने हुए है. दूसरे बड़े खिलाड़ियों से उलट सिमोन स्टाफ और कोच से ज्यादा खुद पर भरोसा करते है. दुनिया के 89वें नंबर के खिलाड़ी सिमोन अपने कोच और सहयोगी स्टाफ के बिना भारत आए थे और उन्होंने टाटा ओपन महाराष्ट्र में अपनी खिताब जीत के दौरान 2017 में ग्रैंडस्लैम के फाइनल में जगह बनाने वाले दो खिलाड़ियों को हराया. सिमोन के पास अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दबदबा बनाने के लिए ना तो ताकतवर सर्विस है और ना ही मजबूत मैदानी शाट लेकिन इसके बावजूद वह एटीपी टूर के दो बड़े खिलाड़ियों मारिन सिलिच और केविन एंडरसन को हराकर लगभग तीन साल में अपना पहला खिताब जीतने में सफल रहे.
इस 33 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने कोच यान डि विट, मानसिक कोच रोनेक्स लाफेक्स और शारीरिक ट्रेनर मिलोस जेलिसाविच से नाता तोड़ दिया है. फ्रांस के सिमोन ने अपना 13वां एटीपी एकल खिताब जीतने के बाद कहा, यह मैं हमेशा से करता आया हूं. अपने करियर के दौरान रोजर फेडरर और रफेल नडाल जैसे महान खिलाड़ियों को हरा चुके सिमोन ने फाइनल में एंडरसन को हराया जिनके खिलाफ इससे पहले उन्होंने तीनों मुकाबले गंवाए थे. सिमोन ने कहा ''मैं रणनीति में मदद के लिए कभी कोच की मदद नहीं ली. मेरे पिछले कोच को खेल की काफी समझ दी थी और वह रणनीति बनाने के माहिर थे. रणनीति हमेशा मेरा मजबूत पक्ष रहा है.
उन्होंने कहा, कोर्ट पर क्या हो रहा है उस समझ लेना हमेशा मेरा मजबूत पक्ष रहा है. मैं जब तक धैर्य के साथ खेलूंगा, जैसा मैं पूरा हफ्ता करने में सफल रहा तब तक मैं इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर पारूंगा''.
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