नई दिल्ली : आज महिला दिवस है. पूरी दुनिया में इसे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. देश की संसद में आज अंदर और बाहर के दृश्य भिन्न थे. लोकसभा के अंदर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने महिला सांसदों सहित देशभर की महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी,वहीं संसद के बाहर दिल्ली कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने महिला आरक्षण के मुद्दे को फिर से उठाते हुए महिला आरक्षण की मांग की.
उल्लेखनीय है कि आज महिला दिवस पर कांग्रेस को महिला आरक्षण मुद्दा याद आ गया जो उनके कार्यकाल में यह विधेयक पारित नहीं हो सका था. दिल्ली महिला कांग्रेस ने 33 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर अचानक संसद के बाहर प्रदर्शन किया, जब अंदर संसद का सत्र चल रहा था. इस प्रदर्शन से संसद भवन के बाहर अफरा-तफरी का माहौल हो गया .प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा, कि मोदीजी महिला आरक्षण बिल लाइए. बेटी को सदन में लाने की हिम्मत कीजिए.
गौरतलब है कि पंद्रहवीं लोकसभा के पहले सत्र में 4 जून 2009 को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में घोषणा की थी कि सरकार विधानसभाओं और संसद में महिलाआरक्षण विधेयक को शीघ्र पारित कराने की दिशा में सौ दिन के भीतर कदम उठाएगी .इसके बाद कांग्रेस का वह कार्यकाल पूरा हो गया, लेकिन यह बिल अभी तक लंबित है.महिलाएं यह मांग कर रही हैं, लेकिन पुरूष प्रधान राजनीति संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं होने दे रही.महिला आरक्षण का ज्वलंत मुद्दा पिछले करीब एक दशक में किसी न किसी कारणों से लम्बित होता रहा है. लगभग सभी पार्टियों के चुनावी घोषणा-पत्र में महिला आरक्षण पर अमल का वादा किया जाता है.लेकिन इस मुद्दे को हर बार लटकाया जा रहा है.
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