राजनीति में सत्ता पाने के लिए वह सब भी करना पड़ता है, जिसे आप स्वयं पसंद नहीं करते. ऐसा ही कुछ कांग्रेस के साथ भी हो रहा है.2019 में होने वाले लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हिन्दू वोटरों को रिझाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने पूजा पॉलिटिक्स चालू कर दी है.
गौरतलब है कि अल्पसंख्यकों की हितैषी माने जानेवाली कांग्रेस ने गुजरात चुनाव के दौरान अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंदिर -मंदिर जाकर माथा टेका था , जिसके मिले अच्छे नतीजों से उत्साहित होकर अब महाराष्ट्र में भी,पूजा पॉलिटिक्स की शुरुआत महाराष्ट्र में कांग्रेस के मुख्यालय में सत्यनारायण की पूजा से हो चुकी है. इसके पीछे सोच यही है कि साफ्ट हिंदुत्व का मुददा ही 2019 के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नैया पार लगा सकता है. इसीलिए अब महाराष्ट्र में संजय निरुपम ने उसी रणनीति को अपनाते हुए पहली बार कांग्रेस के मुख्यालय में सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं को आमंत्रित कर सत्यनारायण की पूजा यह तर्क देकर करवाई कि कांग्रेस सभी धर्मों का सम्मान करती है.
जबकि दूसरी ओर कांग्रेस की इस पूजा पॉलिटिक्स पर राज्य सरकार के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने तंज करते हुए कह दिया कि भगवान कांग्रेस को आशीर्वाद दें कि वह हमेशा विपक्ष में ही बैठे. इस बयान से भड़की कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी और शिवसेना को कांग्रेस की चिंता करने की जरुरत नही है. बीजेपी और शिवसेना ने जितने पाप किए हैं और लोगों को बेरोजगार करने के साथ ही किसानो की आत्महत्याओं के कारण बने है, वो पाप किसी भी पूजा से धुलने वाले नहीं है. बहरहाल कांग्रेस की इस पूजा पॉलिटिक्स से भाजपा को खतरा जरूर पैदा हो गया है.
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