कल शुक्रवार को भारत देश अपना 69 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. 200 साल की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को मिली आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू किया गया. ऐसे में सरकार इस समारोह को और यादगार करने की तैयारी कर चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही मन की बात में कह चुके है कि 2018 के गणतंत्र दिवस समारोह को सदियों तक याद रखा जाएगा. आपने भी सुना होगा कि इतिहास खुद को दोहराता है. 1950 में 26 जनवरी के दिन भारत ने अपना पहला गणतंत्र दिवस इण्डोनेशिया के नेता सुकार्णो के मुख्य आतिथ्य में मनाया था.
अब एक बार फिर 68वीं वर्षगांठ के मौके पर गणतंत्र दिवस परेड में शिरकत करने इण्डोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो भारत आये है .वे एसोसिएशन आॅफ साउथ ईस्ट नेशंज एसोसिएशन (आसियान) के नौ अन्य नेताओं के साथ इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि गणतंत्र दिवस समारोह में एक साथ दस देशों के राष्ट्राध्यक्ष मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. गणतंत्र दिवस परेड के सहायक अध्यक्ष मेजर जनरल राजपाल पुनिया ने कहा ‘अनेकता में एकता प्रदर्शित करने के लिए सेना के जवानों के हाथों में आसियान देशों के ध्वजों के साथ तिरंगा होगा.
90 मिनट की परेड में 23 झांकियां भी निकली जाएगी जो दुनिया को भारत दर्शन करवाएगी. साथ ही इसमें आसियान देशों की शिक्षा, व्यापार, धर्म और संस्कृति का प्रदर्शन भी किया जायेगा. इस दौरान परेड के पश्चात् बच्चों के गीत कि प्रस्तुति भी होगी. देश की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करते हुए सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल समारोह के मुख्य आकर्षणों में शामिल है. साथ ही इस बार पहली बार बीएसएफ का महिला सैन्य दस्ता, राजपथ पर ‘नारी शक्ति’ की बानगी करेगा.
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