नई दिल्ली: पुरे देश में 'स्वच्छ भारत' अभियान चल रहा है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में अब भी कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं , जिसपर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है. दिल्ली हाई कोर्ट की एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरिशंकर की बेंच ने सिंगापुर की सफाई का हवाला देते हुए कहा कि सिंगापुर की सरकार सफाई के प्रति बेहद सख्त है और जब सिंगापुर सफाई के मामले में इतना आगे है, तो दिल्ली क्यों स्वच्छ नहीं रह सकती ?
कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम से कहा कि कूड़े कचरे को निर्धारित जगह की बजाए कहीं भी फेंकने वाले नागरिकों पर जुरमाना लगाया जाए, साथ ही कोर्ट ने जगह-जगह होर्डिंग लगाकर, स्वच्छता का प्रचार करने के निर्देश भी दिए हैं. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तारीख दी है. सुनवाई के दौरान एनजीओ न्यायमित्र और याचिकाकर्ता ने कोर्ट में सीडी पेश की, जिसमें दिल्ली के भजनपुरा, मूयर विहार, गाजीपुर, प्रगति मैदान समेत कई जगहों पर गंदगी और कूड़े के ढेर के वीडियो थे.
इस मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि साफ़ सफाई के लिए दिल्ली सरकार प्रति व्यक्ति 488 रूपए देती है, लेकिन दिल्ली सरकार को इतना पैसा वापिस नहीं मिलता . राजधानी दिल्ली में सरकार को प्रति व्यक्ति केवल 321 रुपये मिलता है और यह राशि 1991 से अब तक नहीं बढ़ी है, दिल्ली सरकार के लिए यह परेशानी का विषय है, इसीलिए दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कदम उठाया है.
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