नई दिल्ली: भारत में करोड़ों लोग एटीएम का इस्तेमाल करते हैं और बैंकों द्वारा दी जाने वाली इस सुविधा का जनता भरपूर लाभ भी प्राप्त करती है हाल में देश के मुख्य बैंक रिजर्व बैंक ने डेबिट क्रेडिट कार्ड को लेकर एक नया नियम निकाला है, नियम निकाला है, जिसके डेबिट, क्रेडिट कार्ड पेमेंट कंपनियों को लोकल डाटा स्टोरेज भारत में करना होगा। हालाांकि वीजा और मास्टरकार्ड समेत 16 पेमेंट कंपनियां इस नियम को स्वीकार करने से इंकार कर रही हैं, कंपनियों का कहना है कि लोकल डाटा स्टोरेज से उनका लागत खर्च काफी बढ़ जाएगा जिससे उन्हें नुकसान होगा।
विश्व बैंक ने लगाई भ्रष्टाचारी भारतीय कंपनियों पर रोक
जानकारी के अनुसार बता दें कि आरबीआई के अनुसार, यदि आपका डेबिट या क्रेडिट कार्ड, वीजा, मास्टर कार्ड और अमेरिकन एक्सप्रेस का डेबिट या क्रेडिट एटीएम है तो ये 15 अक्टूबर तक ही काम करेगा उसके बाद इसकी सुविधा लोगों के लिए नहीं मिलेगी दरअसल रिजर्व बैंक ने जो नियम दिया है उसके अनुसार जो एटीएम उपयोगकर्ता हैं उनका डाटा विशेष रूप से भारत में ही स्टोर करने के लिए कहा गया है।
विश्व बैंक ने लगाई भ्रष्टाचारी भारतीय कंपनियों पर रोक
गौरतलब है कि आरबीआई द्वारा जारी नियम के लिए देश की 62 कंपनियों ने मान लिया है और इसके तहत जो भी नियम व शर्तें हैं उन्हें 16 अक्टूबर से लागू करने के लिए आश्वासन भी दिया है यहां बता दें कि भारत में ऐसी 78 पेमेंट कंपनियां काम कर रही हैं जिनमें 62 ने आरबीआई के नियम को मान लिया है, इसमें अमेजन, व्हाट्सऐप और अलीबाबा जैसी ई कॉमर्स कंपनियां भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि जिन 16 कंपनियों ने नियम को मानने से मना किया है, वे आरबीआई से समय की मांग कर रहे हैं और अब रिजर्व बैंक ने इन्हें समय देने से साफ इंकार कर दिया है।
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