हरारे : वक़्त और हालत कभी किसी का एक सा साथ नहीं देते जिंदगी और खेल दोनों में ये बात लागु होती है. कभी क्रिकेट के मैदान पर बादशाहत कायम कर चुकी वेस्टइंडीज की टीम भी इन दिनों इन्ही हालात का सामना कर रही है. दो बार की चैंपियन रही वेस्टइंडीज की क्रिकेट टीम 2019 में होने वाले विश्व कप में जगह बनाने के लिए शुक्रवार से शुरू हो रहे क्वालीफायर मुकाबले खेलना पड़ रहे है.
क्योकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के अगले विश्व कप को 10 टीमों तक सीमित रखने के विवादित फैसले की सबसे बुरी गाज 1975 और 1979 के चैंपियन वेस्टइंडीज पर ही गिरी है. विश्व कप 2007 में 16 टीमों ने भाग लिया था, जबकि 2011 और 2015 में 14 टीमें ही खेलीं थीं. क्रिकेट की आर्थिक महाशक्ति भारत 2007 विश्व कप में तीन मैचों के बाद ही बाहर हो गया था जिससे आइसीसी को काफी घाटा भी उठाना पड़ा. इसके अलावा भी कई कारण है, जिसके कारण ICC ने ये बड़ा फैसला लिया है.
अब 2019 और 2023 में नए प्रारूप के तहत टीमों को कम से कम नौ मैच खेलने को मिलेंगे. अभी तक शीर्ष आठ टीमों की ही 47 दिनों तक इंग्लैंड और वेल्स में चलने वाले इस टूर्नामेंट में जगह पक्की है. वेस्टइंडीज शीर्ष 10 में नहीं है जिससे उसे क्वालीफायर खेलना पड़ रहा है. इसमें उसके साथ ही अफगानिस्तान, आयरलैंड, जिंबाब्वे, स्कॉटलैंड, हांगकांग, पपुआ न्यू गिनी, नीदरलैंड्स, यूएई और नेपाल होंगे. यह क्वालीफायर टूर्नामेंट 25 मार्च तक चलेगा.
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