क्रिकेट का दूसरा नाम जेंटलमैन गेम है, मतलब सभ्य लोगों का खेल. इसके मायने है स्लेजिंग, धोखाधड़ी, बॉडीलाइन गेंदबाजी, क्रोध, नफरत या अत्यधिक उत्तेजना का इस खेल में कोई स्थान नहीं होगा. मगर इतिहास साक्षी है कि नियम बनते है तो टूटते भी है. कभी कभी नियमो का उलंघन इस हद तक कर दिया जाता है कि खेल के इतिहास को शर्मसार होना पड़ता है. हालिया वर्षो में खिलाड़ियों द्वारा खेल को दागदार करने की घटनाएं बढ़ती जा रही है और क्रिकेट अपनी गरिमा को खो रहा है. बात अगर सिर्फ साल 2018 की ही करे तो आज तक मतलब मार्च 2018 तक ही कई बड़े विवादों को खेल की रिकॉर्ड बुक में दर्ज किया जा चूका है, जिसके लिए शायद काली स्याही का ही उपयोग किया जाना उचित होगा.
एक नज़र डालें 2018 की छोटी सी अवधि में हुए क्रिकेट का सर झुकाने वाली हरकतों पर -
पहली घटना अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया टेस्ट की पहली पारी के 52 वें ओवर में हुई, जब अफ़्रीकी गेंदबाज कसिगो रबाडा ने स्टीव स्मिथ के कंधे से टकराव कर उनके खिलाफ गलत शारीरिक भाषा का उपयोग किया. 22 वर्षीय गेंदबाज पर ICC ने नियम 2.1.7 के तहत सजा के रूप में मैच फीस का 15% जुर्माना लगाया और एक अतिरिक्त डेमरीट प्वाइंट दिया गया.
इसी तरह डरबन में पहले टेस्ट के दौरान डेविड वार्नर और क्विंटन डी कॉक के बीच अनैतिक भाषा के आदान प्रदान के लिए दोनों खिलाड़ियों पर आईसीसी द्वारा एक्शन लिया गया.
चौंकाने वाले आरोपों में, भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी ने उन पर धोखाधड़ी और गैर महिला के साथ संबंधो के आलावा मैच फिक्सिंग तक का आरोप लगाया है .
ताज़ा मामले में ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज कैमरन बैन्क्रॉफ्ट को टेलीविजन कैमरों द्वारा तीसरे टेस्ट के दौरान गेंद पर पीले ऑब्जेक्ट को रगड़ने हुए रंगे हाथों पकड़ा गया. इसमें कप्तान स्मिथ ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बात को कबूला और फ़िलहाल उनके साथ डेविड वार्नर और कोच लेहमैन को निलंबित कर दिया गया है .
सबसे पहले डिविलियर्स ने पकड़ी थी बॉल टेम्परिंग
स्मिथ नहीं रहाणे होंगे राजस्थान के कप्तान
बॉल टेंपरिंग विवाद में 24 घंटो में सजा का ऐलान