दावोस WEF:आज पीएम मोदी ने वैश्विक मंच पर कहा -विश्व शांति एक चुनौती है . भारत, भारतीय और भारतीय परंपरा का प्रतिनिधि होने के नाते तोड़ने का नहीं जोड़ने का प्रयास करूँगा,'वसुधैव कुटुम्भकम' हमें पुराणों से मिला है और में इसे आगे बढ़ाऊंगा. क्योकि ये दिलो की दरारों और दूरियों को मिटाने का मंत्र है. हालांकि सहमति का अभाव है. मगर साँझा चुनौतियां साँझा प्रयासों से ही निपटेगी.
तीन प्रमुख चुनौतियां मानव सभ्यता के लिए खतरा है. पहला क्लामेट चेंज ग्लेशियर पिघल रहे है. प्राकृतिक असंतुलन बढ़ रहा है. दुनिया डूबने की कगार पर है. हम ''पुत्रो अहम् प्रथ्विया'' ( धरती हमारी माँ है ) को भूल गए है. प्रकृति को आवश्यकता अनुसार उपभोग नहीं करने से हम विनाश तक पहुंच गए है. पीएम ने दूसरी बड़ी चुनौती आतंक को बताया .
उन्होंने कहा आप सब जानते है इसलिए इस पर भाषण की जरुरत नहीं. आतंकवाद से पड़े लिखे लोगो का जुड़ना एक गंभीर चुनौती है. तीसरी चुनौती है सभी देश आत्मकेन्द्रीय होते जा रहे है. ग्लोब्लाइज़शन की बात सब करते है पर इसका मतलब बदल दिया गया है. जिससे पहली दो चुनौतियों से नहीं निपटा जा सकता. अलगाव से समस्या नहीं सुलझेगी. मोदी ने अपना भाषण मात्र भाषा हिंदी में दिया .
दावोस में WEF के इस आर्थिक चिंतन को नमन - पीएम मोदी
पीएम मोदी ने वैश्विक कंपनियों के सीईओ को किया निवेश का आह्वान