चुनाव आयोग ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की कुर्सी हिला दी है . लाभ के पद आसीन होने को लेकर चुनाव आयुक्त ने आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सिफारिश कर दी. आप जहा संकट में है वही बीजेपी कांग्रेस को जश्न मनाने का मौका मिल गया है. कारण है यदि सब कुछ इन दोनों के मन मुताबिक रहता है तो दिल्ली में फिर चुनाव होंगे. और ये दोनों पार्टियां जीत की आस लगाए बैठी हैं.
इसके अलावा भी अरविन्द केजरीवाल की ''आप'' दोनों दलों को फूटी आँख नहीं सुहाती है. बीजेपी के जेटली पर केजरीवाल ने गंभीर आरोप लगाए थे . जिसके चलते जेटली ने केजरीवाल एंड टीम पर मानहानि का मुकदमा लगा रखा है. वहीं केजरीवाल राहुल गाँधी को लेकर भी बयान बाजी करते रहे है.
आकड़ो का गणित समझे तो 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के तीन विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस का पत्ता साफ है. अगर AAP के इन 20 विधायकों की सदस्यता रद्द होती है, तो विधानसभा में इनकी संख्या 66 से घटकर सीधे 46 पर आ जाएगी. विधायक कपिल शर्मा पहले ही बागी हो चुके हैं. कुमार विश्वास का मामला सर्वविदित है, राज्यसभा में नहीं भेजे जाने से नाराज हैं कुमार के पास करीब 10 विधायकों का समर्थन हैं और किस्मत ने उन्हें इतनी जल्दी मौका दिया है जिसकी कल्पना उन्होंने कभी नहीं की होगी.
चुनाव आयोग ने 21 AAP विधायकों को किया अयोग्य घोषित