नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में देरी के लिए राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है. भागवत ने राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण की वकालत करते हुए कहा कि इसमें किसी को नीचा दिखाने वाली बात नहीं है.
जानकारी के अनुसार, संघ प्रमुख ने कहा कि यह समस्या हिंदू या मुसलमान की नहीं बल्कि राजनीतिक है. राजनीति बीच से हट जाए तो कोई समस्या नहीं है. राम सबके थे और रहेंगे. महाराष्ट्र के संत गुलाबराव जी महाराज के जन्म शताब्दी वर्ष पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने राम मंदिर की जगह विश्वधर्मी मानवता भवन बनाने की मांग को भी खारिज कर दिया है. दरअसल, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भागवत के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि जो भारत में रहता है वह हिंदू है, भले ही उसकी पूजा पद्धति, खानपान, रहन-सहन कैसा भी हो. कहा, चूंकि भारत का नाम हिंदुस्थान है. इसलिए यहां रहने वाले सभी हिंदू और भारत मां के पुत्र हैं.
भागवत ने साफ किया कि हमारे लिए कोई दुश्मन नहीं है, लेकिन दुनिया में कई दुष्ट हैं. अब कर्म शक्ति दिखाने का वक्त आ गया है. परिस्थिति अनुकूल है. हिंदू समाज में अभी शक्ति है, उसे यह शक्ति दिखानी चाहिए. भागवत ने चुटकी लेते हुए कहा कि देश में कुछ हिंदू गर्व से कहते हैं कि हम हिंदू हैं. कुछ को लगता है कि हिंदू हैं इसमें गर्व कैसा? कुछ ऐसे हैं जो यह बोलने से झिझकते हैं कि वो हिंदू हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे हिंदुओं की शंका दूर करने के लिए बाकियों को खड़ा होना पड़ेगा.