नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन विभाग ने सार्वजनिक वाहनों में पैनिक बटन अनिवार्य कर दिया है. एक अप्रैल से बिना पैनिक बटन वाले वाहनों को फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा. इस व्यवस्था के लागू होने से रोजाना एक हजार वाहन बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के परिवहन विभाग के बुराड़ी ऑफिस से लौट रहे हैं. इनमें ग्रामीण सेवा व टैक्सियां आदि भी शामिल हैं, लेकिन अभी ऑटो में इसे लागू नहीं किया गया है. दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन ने इसे केजरीवाल सरकार का तुगलकी फरमान बताया है.
गौरतलब है कि वर्ष 2012 में वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद सार्वजनिक वाहनों में पैनिक बटन लगाए जाने की बात उठी थी. इससे वाहन के अंदर असुरक्षित महसूस होने पर सवारी इसे दबा कर पुलिस को सीधे कंट्रोल रूम में सूचित कर सकती है, जिससे वाहन की लोकेशन और उसका नंबर पुलिस के पास पहुंच जाएगा.
पुलिस उस वाहन को आसानी से ढूंढ़ कर कार्रवाई कर सकेगी. दिल्ली परिवहन विभाग ने भी इसके आदेश दिए थे, लेकिन यह व्यवस्था कब से लागू की जाएगी इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी. भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन ने अचानक लिए गए इस निर्णय का विरोध किया है. उसका कहना है कि वाहन चालकों से वसूला जाने वाला जुर्माना सरकार समाप्त करे.
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