नई दिल्ली: रक्षाबंधन का पर्व सभी बहनों के लिए बहुत ख़ास होता है. रक्षाबंधन का त्यौहार सभी भाई-बहनों के दिलों में एक-दूजे के प्यार जागृत करता है. ऐसे में यह त्यौहार केवल हिन्दू ही नहीं मुस्लिम महिलाओं के द्वारा भी मनाया जाता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ, दरअसल इस बार राखी के दिन एक मुस्लिम महिला ने देवबंद कोतवाल को राखी बाँधी और उसे लेकर बहुत से विवाद खड़े हो गये. लोगों का कहना है कि यह गलत है जो भी मुस्लिम महिला ने किया है.
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वहीं देवबंदी उलमा ने भी यह बात की और उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिला का किसी गैर मर्द को राखी बांधना नाजायज है. उनके अनुसार इस्लाम में महिलाओं को किसी गैर मर्द को छूने की इजाजत नहीं है और ना ही परदे से बाहर निकलने की. मदरसा के दारुल उलूम निसवा के नायब मोहतमिम मौलाना नजीफ कासमी ने भी इस बारे में अपनी राय रखी, उन्होंने कहा रखी बांधना और बंधवाना दोनों को इस्लाम में कोई जगह नहीं मिली है साथ ही टिका लगाने को भी इस्लाम में कोई जगह नहीं दी गई है.
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इस्लाम में जबरदस्ती इन चीज़ों को शामिल नहीं किया जाए तो ही बेहतर है. इस्लाम में अगर कोई इन चीज़ों को शामिल करता है तो यह सरासर गलत है. इस्लाम में यह सब गलत है तो ऐसा होना ही नहीं चाहिए. इस्लाम धर्म मुस्लिम महिलाओं को ना ही रखी बाँधने की इजाजत देता है और ना ही टिका लगाने की तो अगर कोई महिला ऐसा करती है तो यह सरासर गलत है.
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