कन्नौज. दिवाली से पहले धनतेरस पर पूजा का विशेष महत्व होता है और इस दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि पूजे जाते हैं. इस दिन कुबेर की पूजा की जाती है. इस बार धनतेरस 17 अक्टूबर को है. इसी दिन भगवान धनवन्तरी का जन्म हुआ था जो कि समुन्द्र मंथन के दौरान अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे और इसी कारण से भगवान धनवन्तरी को औषधी का जनक भी कहा जाता है.
धनतेरस के दिन पूजा-अर्चना के साथ खरीदारी का विशेष महत्व है. इस दिन धातु खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है. इसलिए इसी दिन लोग अपने घरो के लिए शॉपिंग करते हैं. धनतेरस में सोने-चांदी के आभूषणों, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, बाइक, कार, प्रॉपर्टीं, कपडे़ आदि की खरीदारी होती हैं.
खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त
शाम 7 से रात 11:33 बजे तक कॉस्मेटिक, सजावटी वस्तुओं व महंगे परिधान.
सुबह 6:08 से 8:18 बजे तक, दोपहर 12:40 से 2:25 बजे तक, शाम 5:25 से 7:03 बजे तक दो व चार पहिया वाहन, टीवी, फ्रिज, एसी, लैपटॉप, मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक सामान.
सुबह 7.33 बजे तक दवा और खाद्यान्न.
सुबह 3:45 बजे से सुबह 6 बजे तक शेयर आदि की खरीद-फरोख्त.
पूजा-अर्चना के उत्तम मुहूर्त
पूजा-अर्चना के शुभ मुहूर्त सुबह से ही शुरू हो जाएंगे। घरों और प्रतिष्ठानों में शाम 7.03 से 9 बजे तक वृष लग्न में भगवान धन्वंतरि और धनतेरस की पूजा का उत्तम मुहूर्त है। 16 अक्तूबर को देर रात 12:17 बजे से त्रयोदशी लग जाएगी जो 17 अक्तूबर की रात 11:55 बजे तक रहेगी। धनतेरस पर गोधूलि बेला भी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त हैं।
कैसे करें धनतेरस की पूजा
सबसे पहले मिट्टी का हाथी और धन्वंतरि भगवानजी की फोटो स्थापित करें.
चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करें.
भगवान गणेश का ध्यान और पूजन करें.
हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान करें.