मुरैना के जिला अस्पताल में एक गंभीर लापरवाही सामने आयी है. दरअसल संक्रमित मशीन के कारण छह महीने में पांच मरीजों को हैपेटाइटिस सी का संक्रमण हो चुका है. इस मामले में तीन मरीजों की मौत हो चुकी है. डायलिसिस सुविधा की निगरानी के लिए विशेषज्ञ न होने के कारण जिला अस्पताल में कम मरीज ही डायलिसिस के लिए आ रहे हैं.
हालांकि कि डायलिसिस के लिए यह नियम है कि जो मरीज, ब्लड में किसी प्रकार के संक्रमण से ग्रसित है, उसका डायलिसिस करने के लिए सेपरेट मशीन उपयोग में लाई जाती है. सामान्यतः जिस मशीन से हैपेटाइटिस सी संक्रमित मरीज का डायलिसिस किया जाता है, उस मशीन पर निगेटिव मरीज को डायलिसिस के लिए नहीं लिया जाता है.
जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा निःशुल्क है लेकिन इस तरह की लापरवाही से अब मरीजों ने अस्पताल से दुरी बनाना शुरू कर दिया है. इन मामलों के सामने आने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन की तरफ से को कदम नहीं उठाया गया है. अस्पताल प्रबंधन अब हैपेटाइटिस से संक्रमित मरीजों को जेएएच ग्वालियर रैफर कर रहा है. इसके के साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने अब ये तय किया है कि कंनफरमेटरी टेस्ट के बाद ही मरीजों का डायलिसिस किया जाएगा.
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