छत्तीसगढ़ में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों में दिव्यांग वोटरों को नई सुविधा मिलेगी. मतदान करने में आसानी रहेगी . ये सुविधा वोटरों को बूथ पर ही मिल सकेगी. निर्वाचन आयोग दिव्यांग वोटरों को ये सुविधा ‘कोई मतदाता न छूटे’ के नारे के तहत उपलब्ध करवा रहा है. निर्वाचन आयोग ने मतदान के दौरान दिव्यांगजनों के लिए मतदान प्रक्रिया को सरल बनाने के सुझाव भी दिए हैं.
शनिवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने एक दिवसीय राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी की. इस विचार गोष्ठी में निर्वाचन अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों के साथ मिलकर दिव्यांगजनों के विकास के लिए अपने विचार साझा किए.
गोष्ठी में प्रमुख शिक्षाविद रमेश नैय्यर, सिविल सोसायटी संगठन के डॉ. राकेश कामरान, मूक दिव्यांग अभिभावक संघ की श्वेता भोसले, शासकीय अस्थि बधितार्थ बाल गृह माना के अधीक्षक ने भी अपने विचार साझ किए. इस गोष्टी में कई सुझाव सामने आये हैं जैसे- श्रवणबाधित दिव्यांगजनों को मतदान अधिकारियों के निर्देशों को समझाने के लिए मतदान दल में साइन लेंग्वेज को समझने वाले अधिकारी हों. दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के बैलेट यूनिट में अभ्यर्थियों के नाम और प्रतीक चिन्ह ब्रेल लिपि में उपलब्ध कराएं. मतदाता सूची में दिव्यांगों की जानकारी एकत्रित कर उनकी दिव्यांगता के अनुरूप बूथों में आवश्यक सुविधा मुहैया कराई जाए.
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