आजकल सोशल मीडिया पर चल रहे ब्लाउज फ्री कैम्पेन के बारे में आपने सुना होगा. इस कैम्पेन के तहत खूबसूरत महिलाएं और मॉडल्स बिना ब्लाउज पहने सिर्फ साडी में तस्वीरें अपलोड कर रही है. हालांकि छत्तीसगढ़ में एक जगह ऐसी है जहां सदियों से ब्लाउज फ्री साडी पहनने का चलन चला आ रहा है. छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में आज भी आप महिलाओं को बिना ब्लाउज की साडी पहने देख सकते है. ये एक परंपरा के अंतर्गत चला आ रहा है. इसे गातीमार स्टाइल कहा जाता है. आदिवासी अंचलों की महिलाओं का इस परंपरा को लेकर कहना है कि, "ये स्टाइल सुविधाजनक होने के साथ ही खेत में काम करने, बोझ उठाने के लिए ठीक होती है."
बता दें कि जंगली इलाकों में भारी गर्मी पड़ती है जिस कारण ऐसी साड़ी पहनना आदिवासी महिलाओं के लिए सुविधाजनक होता है. हालांकि समय के साथ इस परंपरा में काफी बदलाव देखने को मिले है. अब कई महिलाएं और लड़किया साडी के नीचे ब्लाउज पहनने लगी है. इस बात से पुराने लोगों को काफी आपत्ति भी हुई है और वो अपनी इस सदियों पुरानी परंपरा को बचाने की कोशिश में लगे हुए है. वहीं माया नगरी मुंबई समेत कई मेट्रो सिटीज में बगैर ब्लाउज के साड़ी पहनने का फैशन धीरे-धीरे ट्रेंड में आ रहा है.
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