खाना पीना किसको पसंद नहीं है, सबकी अपनी-अपनी पसंद होती है कुछ लोगो को नॉनवेज पसंद है तो कुछ लोगो को वेजटेरियन पसंद है, कुछ लोगो को मीठा पसंद है, तो कुछ को नमकीन पसंद है और शायद खाने पीने कि वजह से ही मनुष्य कि गृह दशा भी प्रभावित होती है जिससे मनुष्य को अति पीड़ा सहन करनी पड़ती है इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने कुछ संकेत बताये है जिसको ध्यान में रखते हुए हम अपने ग्रहदोष का निवारण कर सकते है.
जिस मनुष्य का गृह शनि है तथा शनि उसके जीवन को प्रभावित कर रहा है तो उस मनुष्य को उड़द, तिल, खिचड़ी, सरसों तेल, आदि शनि का कारक होता है कमजोर शनि वाले व्यक्तियों को तैलीय चीजें काफी पसंद आती हैं, शनि की दशा में तैलीय चीजें अधिक मात्रा में खाने से शनि का कुप्रभाव दूर होता है, जिनका बुध कमजोर होता है, उन्हें मूंग की दाल, साग और मटर रूचिकर लगता है.
जिस व्यक्ति का गृह गुरु है तथा उस व्यक्ति के जीवन में गुरु गृह कमजोर होता है उस व्यक्ति को उसे पीली चीज़े अधिक पसंद आती है जैसे चने कि दाल, सोनपापड़ी, हल्दी, और बेसन के लड्डू खाना अधिक पसंद होता है.
जिस व्यक्ति का गृह मंगल होता है तथा उनके जीवन में मंगल गृह कमजोर होता है उन व्यक्तियों को मीठे चीज़ अधिक पसंद आती है और मीठे के अलावा भी इन्हें मसूर कि दाल, शहद एवं लाल मिर्च पसंद होती है.
जिस मनुष्य कि कुंडली में सूर्य कमजोर होता है ऐसे लोग नमकीन भोजन के शौक़ीन होते है, इन्हें तेज नमक खाना पसंद होता है चन्द्रमा और शुक्र दोनों का रंग सफेद है जिनकी जन्मपत्री में चन्द्र या शुक्र कमज़ोर होता है वे दूध, दही, चावल, मिसरी एवं आईसक्रीम के दीवाने होते हैं.
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