घर परिवार में आपसी रिश्तों में मिठास बनी रहें तथा जिन्दगी में खुशनुमा एहसास बना रहें, यह तभी संभव है जब घर में सुखसमृद्धि हो, घर व्यावसायिक प्रतिष्ठान आदि का निर्माण वास्तु यदि सम्मत है, तो अच्छा है, विपरीत है तो इन बाधाओं का सामना करना पड सकता है.
घर में वास्तु के नियमों का पालन करके सुख शान्ति, समृद्धि के साथ-साथ उत्साह, उमंग व उल्लास का माहौल बनाया जा सकता है.
1-घर में किसी भी दरवाजे पर दर्पण लगाने से बचें. यह स्थिति कभी भी हानिकारक हो सकती है.
2-प्रवेश द्वार के सामने किचन पाचन संबंधी बीमारियों को जन्म दे देता है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम करता है. यदि किचन का स्थान परिवर्तन संभव न हो तो दरवाजे पर चिक या परदा लगा दें.
3-जहां तक हो सके पूजाघर का द्वार लकडी का ही बनवायें लोहे या टिन का नहीं.
4-नमक व हल्दी साथ न रखें मतिभ्रम की संभावना रहती है.
समृद्धि बनाए रखने के लिए घर या ऑफिस के दक्षिणी-पूर्वी भाग में क्रिस्टल रखें.
5-रोजगार न होने की स्थिति में अपने घर में पानी के बहाव की स्थिति देखें. उत्तरी-पूर्वी हिस्से में पानी का बहाव होने से आर्थिक स्थिति सुदृढ होती है.
ऑफिस में आपकी कुर्सी के पीछे दीवार जरूर होनी चाहिए, ये आपको निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करती है.