भिलाई इस्पात संयंत्र पर उत्पादन और प्रतिस्पर्धा का दोहरा दबाव

भिलाई इस्पात संयंत्र पर उत्पादन और प्रतिस्पर्धा का दोहरा दबाव
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भिलाई : भिलाई इस्पात संयंत्र नए साल में कुछ कर गुजरने की कसम खा चुका है . सीईओ ने नए साल उपलक्ष्य में दिए सन्देश में सबको साथ लेकर चलें और काम पर फोकस करने की बात कही. संकल्प पर अमल करने की बात करते हुए एक-एक अधिकारी व कर्मचारियों ने मुबारकबाद देने के बाद मिल-जुलकर कंपनी को घाटे से उबारने का वादा किया. कर्मचारी यूनियन ने भी हाथ बढ़ाया और कंपनी में खामियों को दूर कराने में सहयोग देने का वादा किया.

फिनिश प्रोडक्ट बनाने वाला रेल मिल एवं यूनिवर्सल रेल मिल लगातार दबाव झेल रहा है. यदि भारतीय रेलवे द्वारा मांगे गए ऑर्डर को पूरा नहीं कर पाए तो रेलवे ग्लोबल टेंडर के जरिये रेल खरीदेगा. पिछले दिनों लगातार सुनियोजित तरीके से इस बात का प्रचार किया जाता रहा है कि भारतीय रेलवे ग्लोबल टेंडर के माध्यम से रेल मंगवाने के लिए कुछ कार्यवाही प्रारंभ किया है.

यह भी बात सर्व विदित है कि कुछ निजी उद्योग लगातार रेल का आर्डर लेने के लिए एड़ी-चोटी का प्रयास कर रहे हैं. इन परिस्थितियों में भिलाई इस्पात संयंत्र बहुत तेजी से अपने उत्पादन को बढ़ाने में लगी है. रेल मिल एवं यूनिवर्सल रेल मिल के साथ-साथ बीबीएम, वायर रॉड मिल, मर्चेंट मिल एवं प्लेट मिल का उत्पादन भी लगातार बढ़ रहा है, जो इस मंदी के दौर में हमारे स्टील उद्योग को घाटे से उभारने के लिए बहुत जरूरी है.

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