नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में आए स्मॉग के कहर की असल वजह खाड़ी देशों से उड़ी धूल को बताया जा रहा है. एक रिसर्च सामने आया है जिसके मुताबिक दिल्ली में आई इस धूल की पॉल्यूशन के स्तर को बढ़ाने में करीब 40 फीसदी भागदारी रही.
हवा की गुणवत्ता से जुड़े अनुसंधान करने वाली सरकारी संस्था SAFAR (सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च) के एक विश्लेषण में पता चला है कि खाड़ी देशों में तूफान के जरिए वहां की धूल हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके भारत आ रही है. एसएएफएआर के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना भी दिल्ली में पॉल्यूशन के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार रहा.
वहीं कुछ कारण दिल्ली-एनसीआर में पैदा होने वाले स्थानीय प्रदूषक भी हैं. एसएएफएआर की माने तो दिल्ली में स्मॉग ने एंट्री 6 नवंबर की रात की, जिसके बाद अगले दिन एयर क्वॉलिटी की स्थिति बिगड़ती चली गई. 7 नवंबर को PM 2.5 का लेवल 537 माइक्रोग्राम/घनमीटर पहुंच गया जो 24 घंटे के औसत स्तर से 7 गुना ज्यादा था. अगले दिन यह 640 माइक्रोग्राम/घनमीटर पर पहुंच गया. SAFAR के विश्लेषण के मुताबिक, अगर बाहरी स्रोतों की भूमिका नहीं रही होती तो 8 नवंबर को दिल्ली की एयर क्वॉलिटी 200 माइक्रोग्राम/घनमीटर के आस-पास रही होती.
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