जीएसटी के तहत ट्रांसपोर्टरों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ढुलाई के लिए अनिवार्य किये गए ई-वे बिल को आगामी 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा. पहले इसे 1 फरवरी से लागू किए जाने का विचार था, लेकिन तैयारियांअधूरी रहने और कुछ अन्य कारणों से इसे टाल दिया गया .
इस बारे में समूह के संयोजक और बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि 50 हजार रुपये से अधिक के माल की अंतर राज्य ढुलाई के लिए पहले इसे लागू किया जाएगा .यदि इसके परिणाम अच्छे रहे तो बाद में इसे चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा. बता दें कि जीएसटी में ई वे बिल के तहत आईटी नेटवर्क तैयार नहीं होने से ई-वे बिल को फरवरी में लागू करना टाला गया था.जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 10 मार्च को होगी.
आपको बता दें कि सरकार को आशा है कि ई-वे बिल लागू होने से टैक्स चोरी पर लगाम लगेगी और कर राजस्व में 20 फीसदी तक वृद्धि होगी. ई-वे बिल दरअसल इलेक्ट्रानिक वे बिल है जिसे जीएसटीएन से हासिल किया जा सकता है. 50 हजार रुपये से अधिक के माल को ले जाने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य होगा.ई-वे बिल को एसएमएस के जरिये निकाला अथवा कैंसिल भी किया जा सकता है. वैसे ई-वे बिल सेवा चार राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड और केरल में शुरू हो चुकी है. इन राज्यों में हर दिन करीब 1.4 लाख ई-वे बिल तैयार किए जा रहे हैं.
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