अलसी वास्तव में गुणों की खान है.अलसी का नियमित सेवन हमें कई प्रकार के रोगों से छुटकारा दिला सकता है. अलसी में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो हमें कई रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है. ओमेगा 3 हमारे शरीर के अंदर नहीं बनता इसे भोजन द्वारा ही ग्रहण किया जा सकता है.
1-स्वस्थ व्यक्ति को रोज सुबह-शाम एक-एक चम्मच अलसी का पाउडर पानी के साथ ,सब्जी, दाल या सलाद मंे मिलाकर लेना चाहिए . अलसी के पाउडर को ज्यूस, दूध या दही में मिलाकर भी लिया जा सकता है. इसकी मात्रा 30 से 60 ग्राम प्रतिदिन तक ली जा सकती है. 100-500 ग्राम अलसी को मिक्सर में दरदरा पीस कर किसी एयर टाइट डिब्बे में भर कर रख लें. अलसी को अधिक मात्रा मंे पीस कर न रखें, यह पाउडर के रूप में खराब होने लगती है. सात दिन से ज्यादा पुराना पीसा हुआ पाउडर प्रयोग न करें. इसको एक साथ पीसने से तिलहन होने के कारण खराब हो जाता है.
2-खाँसी होने पर अलसी की चाय पीएं. पानी को उबालकर उसमें अलसी पाउडर मिलाकर चाय तैयार करें. एक चम्मच अलसी पावडर को दो कप (360 मिलीलीटर) पानी में तब तक धीमी आँच पर पकाएँ जब तक यह पानी एक कप न रह जाए. थोड़ा ठंडा होने पर शहद, गुड़ या शकर मिलाकर पीएँ. सर्दी, खाँसी, जुकाम, दमा आदि में यह चाय दिन में दो-तीन बार सेवन की जा सकती है. दमा रोगी एक चम्मच अलसी के पाउडर को आधा गिलास पानी में 12 घंटे तक भिगो दे और उसको सुबह-शाम छानकर सेवन करे तो काफी लाभ होता है. गिलास काँच या चाँदी का होना चाहिए.
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