काहिरा। मिस्र की पुलिस गिरजाघरों के इर्द गिर्द सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा रही है क्योंकि खून खराबे से भरा वर्ष बीतने के बाद कॉप्टिक इसाई आगामी रविवार को आॅर्थाेडॉक्स क्रिसमस मनाने की तैयारी कर रहे हैं। कॉप्ट उत्तर अफ्रीका का जातीय समूह है। पिछले वर्ष इस समुदाय को निशाना बना कर अनेक हमले किए गए।
हिंसा की अलग अलग घटनाओं में 100 से अधिक इसाई मारे जा चुके हैं जिसमें पिछले सप्ताह काहिरा के दक्षिण में स्थित चर्च में गोलीबारी की घटना शामिल है। इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली थी।
सेना द्वारा इस्लामिक राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को 2013 में अपदस्थ करने के बाद से सुरक्षा बलों ने आईएस की मिस्र शाखा की ओर से किए जाने वाले हमलों को रोकने की कोशिशें शुरू कर दी है। आईएस ने ईसाइयों को निशाना बना कर किए जाने वाले हमले बढ़ा दिए हैं।
दक्षिण मिनया प्रांत के बिशप माकारियोस ने कहा, इस वर्ष हम देश और राष्ट्रपति को सहयोग देने से पीछे नहीं हटेंगे और अपनी राष्ट्रीय भूमिका निभाएंगे लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि अधिकारी हमलों को रोकने के तरीके तलाश लेंगे। कॉप्ट समुदाय देश की कुल आबादी का 10 प्रतिशत है और ये लोग लंबे समय से भेदभाव की शिकायत करते आ रहे हैं।