काइरो- 2012 में प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़काने के जुर्म में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को मिस्र की एक आपराधिक अदालत द्वारा 20 साल जेल की सजा दिए जाने का मामला सामने आया है.मुर्सी के खिलाफ अन्य मुकदमें भी चल रहे हैं लेकिन किसी किसी मुकदमे में यह पहला अंतिम फैसला है.इस मामले में 8 अन्य आरोपियों को भी 20 साल तक की सजा सुनाई गई है.
उल्लेखनीय है कि मुर्सी जब सत्ता में थे तब दिसंबर 2012 में राष्ट्रपति भवन के बाहर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने के जुर्म में उन्हें अप्रैल 2015 में काइरो की एक अदालत ने20 साल की सजा सुनाई थी. तब उस घटना में एक पत्रकार सहित दस लोगों की मौत हो गई थी.
यहां यह सन्दर्भ देना उचित है कि मुर्सी जून जून 2012 में मिस्त्र के राष्ट्रपति बने थे। लेकिन, बड़े पैमाने पर हुए विरोध-प्रदर्शन के कारण एक साल के कार्यकाल के बाद ही सेना ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया था.उन पर जासूसी के अलावा 25 जनवरी 2011 में हुई क्रांति केसमय जेल से भागने और न्यायपालिका का अपमान करने सहित कई अन्य आरोपों में उनके खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं और वे तभी से जेल में बंद हैं.