दिल्ली: अगर आने वाले वर्षो में लिथियम आयन बैटरियों की कीमत लगातार गिरती रही तो वर्ष 2025 तक इलैक्ट्रिक कारों के पैट्रोल कारों की अपेक्षा सस्ते होने की उम्मीद है. जानकारी के अनुसार 2024 तक कुछ माडलों की कीमत पैट्रोल कारों के बराबर हो जाएगी और आने वाले सालों में वे सस्ती हो जाएंगी. लंदन के एक खोजकर्ता ने कहा कि यह इस तरह होगा कि बैटरी की कीमतें डिमांड अनुसार घटती जाएंगी और इलैक्ट्रिक कारों की संख्या बढ़ती जाएगी.
इलैक्ट्रिक वाहनों के बढ़ने का शोर और बढ़ेगा क्योंकि देश और कम्पनियां अपने शहरों को स्मॉग से बचाने की दौड़ में शामिल हैं और पैरिस एग्रीमैंट की तरफ से तय किए लक्ष्य को हासिल करना चाहती हैं. दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शक के रूप में चीन इलैक्ट्रिक कारों के मामले में दुनिया का नेतृत्व करेगा क्योंकि उसकी सरकार इनकी बिक्री ज्यादा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने के बारे में सोच रही है. बी.एन.ई.एफ. ने कहा कि यह विस्तार लिथियम आयन स्टोरेज की वृद्धि के साथ होंगे जो बैटरी की कीमत को 2030 तक 70 डालर प्रति किलोवाट तक लाने में मददगार होगा.
फिलहाल 2017 में यह 208 डालर प्रति किलोवाट है. बी.एन.ई.एफ. के ट्रांसपोर्ट एनालिस्ट कोलिन मैकररैचर ने कहा कि आने वाले सालों में इलैक्ट्रिक वाहनों की बिक्री लगातार बढ़ेगी परंतु बैटरी की कीमत कम करने की जरूरत है जिससे यह असली बाज़ार में इस्तेमाल की जा सके.
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