चारधामों में से एक महत्वपूर्ण धाम गंगोत्री के कपट अक्षय तृतीया के दिन पूजन और जयकारों के साथ ही खुल गए है अगर आप भी मन बना रहे चारधाम की यात्रा पर जाने का तो आप बिलकुल जा सकते है .गंगोत्री मंदिर भोज वृक्षों से घिरा तथा किनारे पर खड़े पर्वत की शिवलिंग, सतोपंथ जैसी चोटियों के साथ देवदार जंगल के बीच एक सुंदर घाटी हैं, जहाँ जाकर आप कई मनोरम जगह घूम सकते हैं .
गौमुख : गौमुख गंगोत्री ग्लेशियर का छोर तथा भागीरथी नदी का उद्गम स्थल है. ऐसा कहा जाता हैं कि यहां के बर्फिले पानी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं . वैसे तो यहाँ की चढाई कठिन नहीं हैं फिर भी आपको यहाँ कुली एवं ट्ट्टु मिल जायेंगे.
गंगोत्री-भोजबासा : भोजपत्र पेड़ों की अधिकता के कारण इसे गंगोत्री भोजबासा कहा जाता है. यह स्थान जाट गंगा तथा भागीरथी नदी के संगम पर स्थित है. गौमुख जाते हुए लाल बाबा द्वारा निर्मित एक आश्रम में आप मुफ्त भोजन के लंगर आनंद भी ले सकते है और साथ ही आपको रास्ते में किंवदन्त धार्मिक फूल ब्रह्मकमल भी देखने मिलेंगे जो ब्रह्मा का आसन माना जाता हैं.
गंगोत्री चिरबासा : चिरबासा का अर्थ है चिर का पेड़ . गौमुख के रास्ते पर स्थित चिरबासा एक अतिउत्तम शिविर स्थल है, जहाँ से आपको विशाल गौमुख ग्लेशियर का आश्चर्यजनक दर्शन करने को मिलता है . यहाँ की पहाड़ियों के ऊपर घूमते भेड़ों को भी आप देख सकते हैं .
नंदनवन तपोवन : गंगोत्री ग्लेशियर के ऊपर एक कठिन ट्रेक से नंदनवन जाया जाता है .आपको इस छोटी से शिवलिंग चोटी का मनोरम दृश्य भी देखने को मिलता है. गंगोत्री नदी के मुहाने को पार करते ही आपको तपोवन जो की अपनी सुन्दर चारगाह के लिए प्रसिद्ध हैं को बी देखने का आनंद मिलेगा.
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