फेस बुक डेटा लीक मामले के बाद कैंब्रिज एनालिटिका से जुड़े अवनीश राय जो एससीएल इंडिया के संस्थापक हैं ने कहा कि एलेक्जेंडर निक्स ने 2014 के संसदीय चुनाव से पहले भारत का दौरा किया था और उस वक़्त की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को हराने के लिए एक अनाम क्लाइंट के साथ काम किया था. उस चुनाव में वर्तमान नरेंद्र मोदी को निर्णायक जीत मिली थी. मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 543 लोकसभा सीटों में से 282 सीटें जीती थीं. हालांकि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एससीएल इंडिया की क्लाइंट लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन दोनों ही पार्टियां इस कंपनी के साथ किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार करती हैं. कांग्रेस का सोशल मीडिया देख रहीं दिव्या स्पंदना ने बीबीसी को बताया कि कांग्रेस का कैंब्रिज एनालिटिका से कोई संबंध नहीं रहा है और ये अवनीश राय का बयान साबित करता है जो बात कांग्रेस कह रही थी वह सही है.
इस समूचे मामले पर भाजपा के आईटी सेल और सोशल मीडिया के प्रमुख अमित मालवीय का कहना है, "मुझे नहीं पता कि अवनीश कुमार राय कौन हैं. भाजपा का उनसे कोई संपर्क नहीं रहा है. मैंने उनका इंटरव्यू नहीं देखा है. हमारा कैंब्रिज एनालिटिका से जुड़ी किसी भी कंपनी से कोई संबंध नहीं है." इससे पहले, भारत के क़ानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि कैंब्रिज एनालिटिका के साथ कांग्रेस की भागीदारी की कई रिपोर्ट्स थीं. उन्होंने कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी से उनके सोशल मीडिया के बढ़े फॉलोअर्स में कंपनी की भूमिका पर जवाब देने को भी कहा था.
रविशंकर प्रसाद ने फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़करबर्ग को सार्वजनिक रूप से चेतावनी देते हुए कहा था, "अगर फ़ेसबुक भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी करते हुए पाया जाता है तो उसके ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हमारा आईटी एक्ट बहुत मजबूत है, हम इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, हम ज़करबर्ग को समन देकर भारत भी बुला सकते हैं."वही एससीएल इंडिया के प्रमुख अमरीश त्यागी के पिता के सी त्यागी बिहार में शासन कर रही जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. बिहार में यह मुद्दा राजनीतिक मुद्दा बन गया है.
केसी त्यागी ने बीबीसी से कहा, "अमरीश की कंपनी गांव में कितनी जाति, कितने बनिया, ब्राह्मण हैं उसकी गणना ज़्यादा करती है. उसने ट्रंप वाले चुनाव में भारतीय मूल के लोगों को जोड़ने का काम किया था और हम इस बात को स्वीकार कर रहे हैं. लेकिन क्या हमने फ़ेसबुक से कहा कि वहां गड़बड़ करो. वहां फ़ेसबुक से गड़बड़ी होगी तो यहां इसके ख़िलाफ़ कोई अपराध का मामला नहीं बनता."
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