नई दिल्ली: हज़ारों की संख्या में आज किसानों ने लाभकारी फसल की कीमतें और ऋण में छूट को लेकर पुलिस और सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष किया. इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिले किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के आश्वासन संतोषजनक नहीं थे और वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान अपनी मांगों पर सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं.
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उन्होंने कहा कि हम इस पर चर्चा करेंगे और फिर भविष्य की कार्यवाही के बारे में फैसला करेंगे, मैं अकेले कुछ भी तय नहीं कर सकता, हमारी समिति इस बारे में निर्णय लेगी. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह और कुछ किसानों के नेताओं और केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ चर्चा की, फिर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की.
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शेखावत ने किसानों से कहा कि सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर अदालत को 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टर और वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश देगी, जैसा प्रदर्शनकारियों ने मांगा था. कृषि श्रम की समस्या पर उन्होंने कहा कि सरकार इस समस्या को हल करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए न्यूनतम मजदूरी नियमों में बदलाव लाने की सोच रही है, और इस उद्देश्य के लिए छह मुख्यमंत्रियों की एक समिति बनाई गई है. बीकेयू के प्रवक्ता युधवीर सिंह ने कहा कि हमने सरकार के सामने 11 तथ्य रखे थे, जिनमे से सरकार 7 पर सहमत हो गई है, जबकि 4 बिंदुओं पर सहमति नहीं हो पाई है, उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा है कि उन्हें इस बार में विचार करने के लिए बैठक करनी होगी, क्योंकि ये एक वित्तीय मामला है.
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