लखनऊ. अयोध्या में 23 से 26 नवंबर तक संपन्न हुए 36वें रामायण मेला के अंतर्गत प्रस्तुर किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने 19.59 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है.
उप्र संस्कृति विभाग ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि, चार दिवसीय रामकथा पार्क, अयोध्या में आयोजित हुए 36वें रामायण मेला के अंतर्गत, सांस्कृतिक कार्यक्रम पर संस्कृति निदेशालय द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रस्ताव पर 7.92 लाख रुपये के साथ अयोध्या शोध संस्थान के संगत मद से 11.67 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई, यानी कुल 19.59 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई.
प्रतिवर्ष होने वाले रामायण मेले में अनेक धर्माचार्य, संत महात्मा, देश-विदेश के रामकथा मर्मज्ञ और विद्धान भाग लेते हैं. इस अवसर पर रामलीला, प्रवचन एवं विभिन्न संस्थाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं. आनन्द, प्रेम और शान्ति के आह्वान के मुख्य प्रयोजन के साथ, रामायण मेले के आयोजन की परिकल्पना डॉ. राममनोहर लोहिया ने सन् 1961 में की थी. उसी के तहत उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी ने चित्रकूट में पहली बार साल 1973 में रामायण मेला आयोजित किया. अयोध्या में इसकी शुरूआत 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र ने की थी, जिसका उद्देश्य रामायण मेले को केन्द्र में रख कर अयोध्या का विकास करना था.
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