कोलकाता : बढ़ते एनपीए और बैंकों के विलय से नाराज बैंक कर्मचारियों द्वारा मंगलवार को की गई हड़ताल से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई . देश भर में 40 लाख चेक की क्लीयरिंग अटकी, वहीं एटीएम के साथ ही आरटीजीएस व एनईएफटी सहित ऑनलाइन बैंकिंग सेवा पर भी असर पड़ा . बैंक हड़ताल से देश भर में लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 8500 बैंकों शाखाओं और 10500 एटीएम के शटर नहीं खुले. बैंक कर्मचारियों ने बीबीडी बाग क्षेत्र में एक रैली भी निकाली. जिसमें बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारियों ने भाग लिया.ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन कोलकाता के महासचिव संजय दास के अनुसार बैंक हड़ताल बंगाल सहित देश भर में 100 फीसदी सफल रही. इस कारण आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप रही.रैली में अक्टूबर व नवम्बर में दो दिवसीय हड़ताल पर पुन: जाने की भी घोषणा की गई .
आपको बता दें कि बैंक वालों की यह हड़ताल बढ़ते एनपीए और बैंकों के विलय से नाराज बैंक कर्मचारियों द्वारा की गई थी .12 बड़े कॉरपोरेट हाउस पर 2, 53,729 करोड़ रुपए बकाया है. सरकार इस ओर ध्यान नहीं देकर बैंकों का विलय कर नौकरी छिन रही है. बैंकों का निजीकरण किया जा रहा है. इसके विरोध में इस हड़ताल का आह्वान किया गया था.बैंक कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो अक्टूबर व नवम्बर में दो दिवसीय हड़ताल करेंगे.
यह भी देखें
22 अगस्त को बैंकों की देशव्यापी हड़ताल
'बेस्ट' की हड़ताल से 'बे बस' हुए मुंबईवासी