धार: विशेष न्यायाधीश डॉ. शुभ्रा सिंह ने सोमवार को महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपित वनरक्षक नारायणसिंह शेरसिंह डावर निवासी अभ्युदय विहार कॉलोनी धार को रिश्वत लेने का दोषी पाया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत नारायण को पांच साल के कारावास व पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। यहां बता दें कि आरोपी को तत्काल प्रभाव से जेल भेज दिया गया है। वहीं आरोपी को दंड की राशि अदा नहीं करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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यहां बता दें कि अभियोजन विभाग के जिला उप संचालक टीसी बिल्लौरे ने बताया कि 10 अगस्त 2015 को लाड़कीबाई चौहान ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में शिकायत की थी। जिसमें बताया गया था कि मेरा पुत्र गब्बु अपने घर से बैलगाड़ी में कुछ जलाऊ लकड़ी लेकर ससुराल चौंकी जा रहा था, तभी वनरक्षक नारायणसिंह डावर सर्कल लावणी सब रेंज मांडू ने बैलगाड़ी रोक ली। इस पर मेरा बेटा बैलगाड़ी छोड़कर भाग गया। वहीं बता दें कि आरोपी नारायण बैलगाड़ी को छोड़ने व कार्रवाई नहीं करने के एवज में पांच हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा था। इस पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई की। 11 अगस्त 2015 को लोकायुक्त पुलिस टीम ने उमरबन डिप्टी रेंज कार्यालय में आरोपी वनरक्षक को पांच हजार की रिश्वत लेते पकड़ा और उसके पास से रिश्वत की राशि भी बरामद की गई है।
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गौरतलब है कि इस मामले में प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया गया। वहीं मामले में न्यायालय ने सुनवाई के पश्चात वनरक्षक नारायण को पांच वर्ष के सश्रम कारावास के साथ-साथ पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। शासन की ओर से पैरवी टीसी बिल्लौर ने की है।
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