पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किसी साजिश के तहत आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को चारा घोटाले में फंसाए जाने के आरोप का करारा जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया है कि घोटाला तो सात पीढ़ियों के लिए संपत्ति बनाने के लालच का परिणाम है, साजिश नहीं।
सुशील मोदी ने ट्वीट किया, 'चारा घोटाले के पुख्ता सबूत बिहार सरकार की उन 60 फाइलों में मिले, जिन्हें सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक ने छापा मार कर बरामद किया था। इन्हीं फाइलों में कई टन चारा ढोए जाने वाली गाड़ियों के नंबर भी दर्ज हैं, जिन्हें जांच में स्कूटर या मोटर साइकिल का नंबर पाया गया।' उन्होंने आगे सवाल किया कि लाली प्रसाद के खिलाफ साजिश का आरोप लगाने वाले बताएं कि क्या ये फाइलें बीजेपी ने तैयार की थीं।
मोदी ने कहा कि 1000 करोड़ के चारा घोटाले से जुड़े दूसरे मामले में लालू प्रसाद सहित जिन 16 लोगों को दोषी पाया गया, उनमें से 8 अभियुक्त (50 फीसद) ऊंची जातियों के हैं. उधर जगन्नाथ मिश्र समेत जिन 8 लोगों को बरी किया, उनमें 4 (50 फीसद) दलित और पिछड़ी जातियों के लोग हैं। तथ्यों से आंख मूंदकर राजद के लोग न्यायपालिका पर जातिवादी आरोप लगा रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री उन याचिकाकर्ताओं में एक थे जिनकी जनहित याचिका पर पटना उच्च न्यायालय ने 1996 में चारा घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। वह आरजेडी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे आरजेडी नेताओं के आरोपों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। लालू प्रसाद को इस मामले में अदालत से दोषी ठहराए जाने के बाद से रघुवंश प्रसाद रांची में हैं। उन्होंने एक पूर्व आईपीएस अधिकारी की पुस्तक का हवाला देकर दावा किया कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को साजिश के तहत इस मामले में फंसाया गया है।
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