इंदौर: तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपना झंडा गाड़ा और बीजेपी की पुरजोर कोशिशों पर पानी फेर दिया साथ ही विधानसभा चुनाव 2018 के पहले बीजेपी के लिए खतरे की घंटी भी बजा दी है. आखिर क्या वजह रही की पूरी ताकत झोकने के बाद भी बीजेपी को नाकामयाबी ही हाथ लगी वो भी तब जब हवा का रुख कांग्रेस के विपरीत है.
आइये जानते है आकड़ो का गणित- मुंगावली से कांग्रेस के प्रत्याशी बृजेश सिंह यादव को 70 हजार 808 वोट मिले. बीजेपी प्रत्याशी बाई साहेब से उनके जीत का अंतर महज 2123 वोट रहा. कोलारस विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह को 82 हजार 518 वोट मिले. बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र जैन से उनके जीत का अंतर 8,086 वोट रहा.
प्रदेश भाजपा ने इन चुनावो के लिए अपने सबसे योग्य सिपाहियों को जिनमे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा अन्य 19 मंत्रियों समेत 40 से ज्यादा विधायकों को मोर्चे पर लगाया था, मगर इन सब पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद भारी पड़ा, साथ ही ये भी साबित हुआ की सूबे में बीजेपी और शिवराज विरोधी लहर बल पकड़ रही है जिसका असर निकट भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावो पर होगा, वैसे भी शिवराज का ये कार्यकाल विकास से ज्यादा विवाद के लिए जाना गया है. वही ये जीत कांग्रेस के लिए संजीवनी से कम नहीं है और साबित करती है कि क्यों मौजूदा हालात में कांग्रेस इतनी ज्यादा उम्मीदे ज्योतिरादित्य सिंधिया से लगाए हुए है.
रोचक मोड़ पर पहुंचे एमपी के उप चुनाव
कोलारस-मुंगावली महज उपचुनाव नहीं रहे