लंदन : वीज़ा संबधित कानूनों की उलझन में एक खिलाडी का भविष्य अधर में आ गया है. मामला ब्रिटेन से ताल्लुक रखता है जहा एक 9 वर्षीय भारतीय शतरंज खिलाड़ी वीजा के कानून में उलझ गया है. क्योंकि वहां काम कर रहे उसके पिता का वर्क वीजा खत्म होने वाला है. उभरते हुए खिलाड़ी श्रेयस रॉयल ने कई शतरंज प्रतियोगिताएं जीती हैं और उसके माता-पिता जितेंद्र और अंजु सिंह अब यूके होम ऑफिस से अपील कर रहे हैं कि उन्हें ब्रिटेन में रहने के लिए अनिश्चितकालीन छूट ( आईएलआर ) दी जाए क्योंकि श्रेयस एक राष्ट्रीय संपत्ति है. परिवार 2012 में बेंगलुरु से लंदन चला गया था जब श्रेयस तीन साल का था.
श्रेयस के पिता जितेंद्र ने कहा, ' श्रेयस की जिंदगी यहां है - उसकी जड़ें यहां हैं. हमें भारत में रहने की आदत है हमनें अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा वहां गुजारा है लेकिन श्रेयस के लिए यह बड़ा झटका होगा. वह अपने शतरंज खेल को जारी नहीं रख पाएगा , यह वास्तव में एक भयावह स्थिति है.' सितंबर में जितेंद्र का वर्क वीजा खत्म हो रहा है. श्रेयस के कोच जूलियन सिम्पोल भी परिवार के लिये प्रयास कर रहे हैं. परिवार ने होम ऑफिस में अपनी अर्जी दी है.
सिम्पोल ने कहा , 'वह लगभग उन सभी प्रतियोगिता में जीतता है जिसमें वह हिस्सा लेता है.' कोच ने कहा , 'बच्चा ऐसा है जैसा मैंने पहले कभी नहीं देखा. वह काफी प्रतिभाशाली है. वह भविष्य में विश्व चैंपियन बनने जा रहा है और हम चाहेंगे कि वह ब्रिटेन के लिए हो. मामला अब क़ानूनी दावपेंच में है और इन सब के बीच बच्चे का भविष्य.अब देखना होगा की ब्रिटेन सरकार इस पर किस रह का फैसला लेती है.
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