ब्यूनस आयर्स. पिछले कुछ सालों से भारत और चीन के बीच के रिश्ते लगातार बिगड़ते ही जा रहे है. सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में गिना जाने वाला देश रूस भी चीन के प्रति लम्बे समय से सख्त रवैया अपनाये जा रहा है . लेकिन अब अर्जेंटीना में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन से चीन के रूस और भारत से बिगड़ते रिश्तों में एक बार फिर मजबूती आने की उम्मीद जगी है.
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दरअसल अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के बीच आज सुबह एक त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित हुई है. इस वार्ता के साथ यह 12 साल बाद ऐसा दूसरा मौका है जिसमे रूस , चीन और भारत के ये तीनो नेता एक साथ एक ही जगह पर मिले हो. इस बैठक के दौरान तीनो देशों के नेताओं ने आतंकवाद समेत कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा की है.
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इस बैठक में पीएम मोदी ने कालेधन के मुद्दे को भी बहुत प्रमुखता से उठाया है और इसके साथ ही इन देशों को कालेधन के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए भी कहा है. इस दौरान पीएम मोदी ने देश से पैसा लेकर भागे भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी का भी जिक्र किया है. पीएम मोदी ने इस दौरान अन्य देशों से अपील की कि वो इन भगोड़ों को पकड़ने में भारत की मदद करे और उन्हें अपने देश में छुपने न दे.
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